यहाँ पे हम File Concept Directory Structure in OS in Hindi के बारे में पूरी तरह से विस्तार से पढ़ेंगे।
आसान शब्दों में कहे तो Operating System की Directory का Structure क्या है ? तथा File में रखने का System कैसा आदि सब कुछ जानेगे।
File Concept Directory Structure in OS in Hindi
यहाँ पे हम पूरी Directory Structure in Hindi को पूरी तरह से समझायेंगे, हो सकता है आपको ये भी न पता हो की Directory क्या है। तो सबसे पहले ये जान लेते है। उसके बाद जानते है। Directory Structure क्या है ? (What is Directory Structure in Hindi ), फिर Types of Directory Structure In Hindi आदि को जानेगे।
Directory क्या है ? (directory in Hindi )
Computer System में Directory एक Container के सामान होता है, जिसके द्वारा Files , Folder Data को Store करते है।
जैसे – Shop में सामान रखने के लिए Room या जगह की आवश्यकता होती है, उसी तरह Computer में Files फोल्डर को Store करने के लिए Directory की आवश्यकता होती है।
Directory Structure क्या है ? (Directory Structure in Hindi )
किसी भी Directory में 1000 Files Create करनी होती है। उन्हें अच्छी तरह से रखने के लिए Directory Structure का उपयोग किया जाता है।
Directory Structure एक Structure होता है। जो Files और Folder को Organize तरीके से Store करता है।
Directory Structure बहुत सी Information रखती है। Directory Structure में Store सभी Files , Folder एक दुसरे Related Files , Folder की Information रखती है।
जब भी कोई User File System की Directory में File को Search करता है, तो वो match found करता है। अगर Match Found होता है। तो Directory Structure काफी Information Show करता है। जिनके बारे में नीचे बता रहा हूँ।
File-name File का नाम Show करता है।
Type – File की Categories क्या है ? ये Show करता है।
Location-info File की पूरी Location Show करता है।
Protection-info किस User के द्वारा File Access की जा सकती है। उसकी Details Show करता है।
Flag – ये Kind of Directory Entry Show करता है।
Misc Info इसमें Miscellaneous Information Show होती है। जैसे – File कब Create हुई Date and time , File Modified कब हुई, File Owner Details.
ये सब Information हमें file System से मिलती है। ये Directory की Valuable Information है।
Types of Directory Structure in Hindi
अब नीचे पढ़ेंगे Directory Structure कितने प्रकार की होती है।
- Single Level Directory Structure
- Two Level Directory Structure
- Tree Level Directory Structure
- A Cyclic-Graph Directory
- General Graph Directory Structure
Single level Directory Structure
Single level Directory में केवल एक Directory होती है। इसे Root Directory कहा जाता है। इस Directory में User Sub – Directory Create नहीं कर सकता है। इसमें जो भी Files Create की जाती है। वो सभी Root Directory में होती है।
Advantages of Single level Directory
- इसे Implement करना सबसे आसान है, क्युकी ये Single Directory होती है।
- अगर File का Size छोटा है, तो इन्हे बहुत Fast Search किया जा सकता है।
- Single level Directory पे Operation Perform करना भी आसान होता है। जैसे – File Creation , Searching , Deletion , Updating etc.
Disadvantages of Single level directory
- इसमें Same name Multiple files का नहीं रख सकते है।
- Same Types की Files एक Group में नहीं रख सकते है।
2. Two-level Directory Structure
Two level Directory Structure में Root Directory के अंदर User Directory Create कर सकता है, लेकिन user Sub – Directory Create नहीं कर सकता है।
Advantages of Two level Directory Structure
- इसमें Different user same Directory name और Same File name रख सकते है।
- इसमें Path पूरा दे सकते है। /user-name/directory-name
- Path name और User grouping के कारन files को search करने में आसानी होती है।
Disadvantages of Two level Directory Structure
- एक User अन्य User को file share नहीं कर सकता।
- ये अधिक Scable नहीं है, क्युकी इसमें Same type की File एक ही Group में नहीं रख सकते है |
3. Tree Level Directory Structure
Tree level Directory एक अलग type की Directory है। ये Two level directory की Limitation को हटाता है, इसमें Sub – Directories Create कर सकते है। इसमें Same Type की Files को एक Directories में Group कर सकते है।
Advantages of Tree level Directory Structure
- इसमें पूर्ण Path Name दिया जा सकता है।
- ये बहुत Scalable है, इसमें Multiple नाम रखने की संभावना है।
- इसे Search करने में आसान होता है।
Disadvantages of Tree level Directory Structure
- इसमें किसी File को पाने के लिए बहुत Directories में जाना पड़ता है। इसलिए ये Efficiency नहीं है।
- इसमें Files को Share नहीं कर सकते है।
- इसमें प्रत्येक file hierarchical model में fit नहीं बैठती है। इसमें हमें files को बहुत सारि Directories में save करना पड़ता है।
4. Acyclic – Graph Directory Structure
Acyclic Graph Directory एक Graph होता है। जिसमे Cycle नहीं होती है। ये Directory Structure किसी भी Directory या File को कई Parent रखने की अनुमति देता है। इसलिए इसकी Shared File अन्य User के द्वारा Links के माध्यम से Access की जा सकती है।
Advantages of Acylic – Graph Directory
- इसमें Files को बहुत ही आसानी से Share कर सकते है।
- इसमें सभी Files के Path अलग अलग होते है इसलिए इनको आसानी से Search किया जा सकता है।
Disadvantages of Acylic – Graph Directory
- इन Files को Linking से share किया जाता है, इसलिए इनको Delete करने में परेशानी होती है।
- यदि link Hardlink होती है। तो File को delete करने के साथ उससे जुड़े सभी Reference भी delete करने होंगे।
- यदि link Softlink होती है। तो File को delete करने के बाद वहा केवल Dangling Pointer बचता है।
5. General Graph Directory Structure
General Graph Directory Structure में हम किसी भी Directory के अंदर Directory के Cycle को Create कर सकते है। जहा बहुत सी Directory को एक Parent Directory में Derive कर सकते है।
इस प्रकार की Directory में Create की गयी Directory की Memory Size या Space को Calculate करना मुश्किल होता है।
Advantages of General Graph Directory Structure
इसमें Cycles Create कर सकते है।
यह अन्य directory की तुलना में अधिक flexible होती है।
Disadvantages of General Graph Directory Structure
यह अन्य Directory की तुलना में अधिक महँगी होती है।
इसको Garbage Collection की जरुरत पड़ती है।